रेनीवेल योजना का विरोध :-गांव मोहना में रेनीवेल ट्यूबवेलों को लगाए जाने का विरोध ग्रामीणों ने करना शुरू कर दिया है। इनके विरोध में रविवार (28 मई) को राम-लक्ष्मण मंदिर में पंचायत बुलाई गई है। पंचायत में गांव के सरपंच और विधायक को भी बुलावा भेजा है। ग्रामीणों को आशंका है कि योजना पर अमल से भूजल स्तर और नीचे चला जाएगा। इससे उनको खेती करना मुश्किल होगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल 24 अप्रैल को 187 करोड़ रुपये की लागत से पलवल और फरीदाबाद के 90 गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गांव दूधौला में रेनीवेल की आधारशिला रख चुके हैं। इन गांवों में पीने के पानी की आपूर्ति गांव मोहना में यमुना किनारे ट्यूबवेल लगाकर पाइपों से बूस्टर में पानी का भंडारण कर की जाएगी। पंचायत के आयोजक विरेंद्र, मोहरपाल, इंद्रजीत, दानी, सुरेंद्र अत्री, नंदलाल मोहना आदि का कहना है कि अब गांव के लोगों को आशंका है कि रेनीवेल के कुएं रोजाना हजारों गैलन पानी निकालेंगे तो इससे उनके गांव और आसपास के गांवों का भूजल नीचे चला जाएगा। पीने का पानी खारा हो जाएगा। खेती की पैदावार खत्म हो जाएगी।
इस मामले में एक बार पहले पंचायत सेवानिवृत सचिव रिसाल ¨सह की अध्यक्षता में हो चुकी है। तब पंचायत में फैसला लिया गया था कि 28 मई को गांव मोहना के राम-लक्ष्मण मंदिर पर फिर पंचायत होगी। इस पंचायत में आसपास के गांवों के लोगों को भी बुलाया गया है। पंचायत में आगे रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी। ---
सुझाव :-
गांव मोहना में यमुना के पश्चिम में भूजल स्तर काफी नीचे है। करीब 200 फुट नीचे ट्यूबवेल के लिए बोर किया जाता है। यमुना की पूर्व की दिशा में भूजल स्तर काफी ऊंचा है। हमेशा पानी का बहाव पश्चिम से पूर्व की तरफ होता है। इसलिए यदि रेनीवेल के ट्यूबवेल यमुना की पूर्व दिशा में किया जाए तो इससे ग्रामीण भी खुश रहेंगे और भूजल पर भी कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। पूर्व की दिशा में 50 से 60 फुट नीचे भूजल स्तर है।
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल 24 अप्रैल को 187 करोड़ रुपये की लागत से पलवल और फरीदाबाद के 90 गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गांव दूधौला में रेनीवेल की आधारशिला रख चुके हैं। इन गांवों में पीने के पानी की आपूर्ति गांव मोहना में यमुना किनारे ट्यूबवेल लगाकर पाइपों से बूस्टर में पानी का भंडारण कर की जाएगी। पंचायत के आयोजक विरेंद्र, मोहरपाल, इंद्रजीत, दानी, सुरेंद्र अत्री, नंदलाल मोहना आदि का कहना है कि अब गांव के लोगों को आशंका है कि रेनीवेल के कुएं रोजाना हजारों गैलन पानी निकालेंगे तो इससे उनके गांव और आसपास के गांवों का भूजल नीचे चला जाएगा। पीने का पानी खारा हो जाएगा। खेती की पैदावार खत्म हो जाएगी।
इस मामले में एक बार पहले पंचायत सेवानिवृत सचिव रिसाल ¨सह की अध्यक्षता में हो चुकी है। तब पंचायत में फैसला लिया गया था कि 28 मई को गांव मोहना के राम-लक्ष्मण मंदिर पर फिर पंचायत होगी। इस पंचायत में आसपास के गांवों के लोगों को भी बुलाया गया है। पंचायत में आगे रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी। ---
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गांव मोहना में यमुना के पश्चिम में भूजल स्तर काफी नीचे है। करीब 200 फुट नीचे ट्यूबवेल के लिए बोर किया जाता है। यमुना की पूर्व की दिशा में भूजल स्तर काफी ऊंचा है। हमेशा पानी का बहाव पश्चिम से पूर्व की तरफ होता है। इसलिए यदि रेनीवेल के ट्यूबवेल यमुना की पूर्व दिशा में किया जाए तो इससे ग्रामीण भी खुश रहेंगे और भूजल पर भी कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। पूर्व की दिशा में 50 से 60 फुट नीचे भूजल स्तर है।
गांव मोहना में रेनीवेल ट्यूबवेलों को लगाए जाने का विरोध ग्रामीणों ने
करना शुरू कर दिया है। इनके विरोध में रविवार (28 मई) को राम-लक्ष्मण मंदिर
में पंचायत बुलाई गई है। पंचायत में गांव के सरपंच और विधायक को भी बुलावा
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जाएगा। इससे उनको खेती करना मुश्किल होगा। - See more at:
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गांव
मोहना में रेनीवेल ट्यूबवेलों को लगाए जाने का विरोध ग्रामीणों ने करना
शुरू कर दिया है। इनके विरोध में रविवार (28 मई) को राम-लक्ष्मण मंदिर में
पंचायत बुलाई गई है। पंचायत में गांव के सरपंच और विधायक को भी बुलावा भेजा
है। ग्रामीणों को आशंका है कि योजना पर अमल से भूजल स्तर और नीचे चला
जाएगा। इससे उनको खेती करना मुश्किल होगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल 24 अप्रैल को 187 करोड़ रुपये की लागत से पलवल और फरीदाबाद के 90 गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गांव दूधौला में रेनीवेल की आधारशिला रख चुके हैं। इन गांवों में पीने के पानी की आपूर्ति गांव मोहना में यमुना किनारे ट्यूबवेल लगाकर पाइपों से बूस्टर में पानी का भंडारण कर की जाएगी।
पंचायत के आयोजक विरेंद्र, मोहरपाल, इंद्रजीत, दानी, सुरेंद्र अत्री, नंदलाल मोहना आदि का कहना है कि अब गांव के लोगों को आशंका है कि रेनीवेल के कुएं रोजाना हजारों गैलन पानी निकालेंगे तो इससे उनके गांव और आसपास के गांवों का भूजल नीचे चला जाएगा। पीने का पानी खारा हो जाएगा। खेती की पैदावार खत्म हो जाएगी। इस मामले में एक बार पहले पंचायत सेवानिवृत सचिव रिसाल ¨सह की अध्यक्षता में हो चुकी है। तब पंचायत में फैसला लिया गया था कि 28 मई को गांव मोहना के राम-लक्ष्मण मंदिर पर फिर पंचायत होगी। पंचायत में पृथला के विधायक टेकचंद शर्मा और गांव मोहना के सरपंच रणजीत ¨सह को बुलाया जाएगा। ग्राम सभा की बिना मर्जी के पंचायत ने गांव में रेनीवेल के ट्यूबवेल लगाने के प्रस्ताव पारित कर कैसे भेज दिया। इस पंचायत में आसपास के गांवों के लोगों को भी बुलाया गया है। पंचायत में आगे रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।
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पंचायत के आयोजक विरेंद्र, मोहरपाल, इंद्रजीत, दानी, सुरेंद्र अत्री, नंदलाल मोहना आदि का कहना है कि अब गांव के लोगों को आशंका है कि रेनीवेल के कुएं रोजाना हजारों गैलन पानी निकालेंगे तो इससे उनके गांव और आसपास के गांवों का भूजल नीचे चला जाएगा। पीने का पानी खारा हो जाएगा। खेती की पैदावार खत्म हो जाएगी। इस मामले में एक बार पहले पंचायत सेवानिवृत सचिव रिसाल ¨सह की अध्यक्षता में हो चुकी है। तब पंचायत में फैसला लिया गया था कि 28 मई को गांव मोहना के राम-लक्ष्मण मंदिर पर फिर पंचायत होगी। पंचायत में पृथला के विधायक टेकचंद शर्मा और गांव मोहना के सरपंच रणजीत ¨सह को बुलाया जाएगा। ग्राम सभा की बिना मर्जी के पंचायत ने गांव में रेनीवेल के ट्यूबवेल लगाने के प्रस्ताव पारित कर कैसे भेज दिया। इस पंचायत में आसपास के गांवों के लोगों को भी बुलाया गया है। पंचायत में आगे रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।
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गांव
मोहना में रेनीवेल ट्यूबवेलों को लगाए जाने का विरोध ग्रामीणों ने करना
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पंचायत बुलाई गई है। पंचायत में गांव के सरपंच और विधायक को भी बुलावा भेजा
है। ग्रामीणों को आशंका है कि योजना पर अमल से भूजल स्तर और नीचे चला
जाएगा। इससे उनको खेती करना मुश्किल होगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल 24 अप्रैल को 187 करोड़ रुपये की लागत से पलवल और फरीदाबाद के 90 गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गांव दूधौला में रेनीवेल की आधारशिला रख चुके हैं। इन गांवों में पीने के पानी की आपूर्ति गांव मोहना में यमुना किनारे ट्यूबवेल लगाकर पाइपों से बूस्टर में पानी का भंडारण कर की जाएगी।
पंचायत के आयोजक विरेंद्र, मोहरपाल, इंद्रजीत, दानी, सुरेंद्र अत्री, नंदलाल मोहना आदि का कहना है कि अब गांव के लोगों को आशंका है कि रेनीवेल के कुएं रोजाना हजारों गैलन पानी निकालेंगे तो इससे उनके गांव और आसपास के गांवों का भूजल नीचे चला जाएगा। पीने का पानी खारा हो जाएगा। खेती की पैदावार खत्म हो जाएगी। इस मामले में एक बार पहले पंचायत सेवानिवृत सचिव रिसाल ¨सह की अध्यक्षता में हो चुकी है। तब पंचायत में फैसला लिया गया था कि 28 मई को गांव मोहना के राम-लक्ष्मण मंदिर पर फिर पंचायत होगी। पंचायत में पृथला के विधायक टेकचंद शर्मा और गांव मोहना के सरपंच रणजीत ¨सह को बुलाया जाएगा। ग्राम सभा की बिना मर्जी के पंचायत ने गांव में रेनीवेल के ट्यूबवेल लगाने के प्रस्ताव पारित कर कैसे भेज दिया। इस पंचायत में आसपास के गांवों के लोगों को भी बुलाया गया है। पंचायत में आगे रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।
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पंचायत के आयोजक विरेंद्र, मोहरपाल, इंद्रजीत, दानी, सुरेंद्र अत्री, नंदलाल मोहना आदि का कहना है कि अब गांव के लोगों को आशंका है कि रेनीवेल के कुएं रोजाना हजारों गैलन पानी निकालेंगे तो इससे उनके गांव और आसपास के गांवों का भूजल नीचे चला जाएगा। पीने का पानी खारा हो जाएगा। खेती की पैदावार खत्म हो जाएगी। इस मामले में एक बार पहले पंचायत सेवानिवृत सचिव रिसाल ¨सह की अध्यक्षता में हो चुकी है। तब पंचायत में फैसला लिया गया था कि 28 मई को गांव मोहना के राम-लक्ष्मण मंदिर पर फिर पंचायत होगी। पंचायत में पृथला के विधायक टेकचंद शर्मा और गांव मोहना के सरपंच रणजीत ¨सह को बुलाया जाएगा। ग्राम सभा की बिना मर्जी के पंचायत ने गांव में रेनीवेल के ट्यूबवेल लगाने के प्रस्ताव पारित कर कैसे भेज दिया। इस पंचायत में आसपास के गांवों के लोगों को भी बुलाया गया है। पंचायत में आगे रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।
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पंचायत बुलाई गई है। पंचायत में गांव के सरपंच और विधायक को भी बुलावा भेजा
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बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल 24 अप्रैल को 187 करोड़ रुपये की लागत से पलवल और फरीदाबाद के 90 गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गांव दूधौला में रेनीवेल की आधारशिला रख चुके हैं। इन गांवों में पीने के पानी की आपूर्ति गांव मोहना में यमुना किनारे ट्यूबवेल लगाकर पाइपों से बूस्टर में पानी का भंडारण कर की जाएगी।
पंचायत के आयोजक विरेंद्र, मोहरपाल, इंद्रजीत, दानी, सुरेंद्र अत्री, नंदलाल मोहना आदि का कहना है कि अब गांव के लोगों को आशंका है कि रेनीवेल के कुएं रोजाना हजारों गैलन पानी निकालेंगे तो इससे उनके गांव और आसपास के गांवों का भूजल नीचे चला जाएगा। पीने का पानी खारा हो जाएगा। खेती की पैदावार खत्म हो जाएगी। इस मामले में एक बार पहले पंचायत सेवानिवृत सचिव रिसाल ¨सह की अध्यक्षता में हो चुकी है। तब पंचायत में फैसला लिया गया था कि 28 मई को गांव मोहना के राम-लक्ष्मण मंदिर पर फिर पंचायत होगी। पंचायत में पृथला के विधायक टेकचंद शर्मा और गांव मोहना के सरपंच रणजीत ¨सह को बुलाया जाएगा। ग्राम सभा की बिना मर्जी के पंचायत ने गांव में रेनीवेल के ट्यूबवेल लगाने के प्रस्ताव पारित कर कैसे भेज दिया। इस पंचायत में आसपास के गांवों के लोगों को भी बुलाया गया है। पंचायत में आगे रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।
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पंचायत बुलाई गई है। पंचायत में गांव के सरपंच और विधायक को भी बुलावा भेजा
है। ग्रामीणों को आशंका है कि योजना पर अमल से भूजल स्तर और नीचे चला
जाएगा। इससे उनको खेती करना मुश्किल होगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल 24 अप्रैल को 187 करोड़ रुपये की लागत से पलवल और फरीदाबाद के 90 गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गांव दूधौला में रेनीवेल की आधारशिला रख चुके हैं। इन गांवों में पीने के पानी की आपूर्ति गांव मोहना में यमुना किनारे ट्यूबवेल लगाकर पाइपों से बूस्टर में पानी का भंडारण कर की जाएगी।
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पंचायत के आयोजक विरेंद्र, मोहरपाल, इंद्रजीत, दानी, सुरेंद्र अत्री, नंदलाल मोहना आदि का कहना है कि अब गांव के लोगों को आशंका है कि रेनीवेल के कुएं रोजाना हजारों गैलन पानी निकालेंगे तो इससे उनके गांव और आसपास के गांवों का भूजल नीचे चला जाएगा। पीने का पानी खारा हो जाएगा। खेती की पैदावार खत्म हो जाएगी। इस मामले में एक बार पहले पंचायत सेवानिवृत सचिव रिसाल ¨सह की अध्यक्षता में हो चुकी है। तब पंचायत में फैसला लिया गया था कि 28 मई को गांव मोहना के राम-लक्ष्मण मंदिर पर फिर पंचायत होगी। पंचायत में पृथला के विधायक टेकचंद शर्मा और गांव मोहना के सरपंच रणजीत ¨सह को बुलाया जाएगा। ग्राम सभा की बिना मर्जी के पंचायत ने गांव में रेनीवेल के ट्यूबवेल लगाने के प्रस्ताव पारित कर कैसे भेज दिया। इस पंचायत में आसपास के गांवों के लोगों को भी बुलाया गया है। पंचायत में आगे रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।
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