मोहना उपतहसील कार्यालय का तीन सितंबर को विधिवत रूप से उद्घाटन कर दिया जाएगा। अब यहां पर नायब तहसीलदार बैठना शुरू कर देंगे। इससे गांव के ग्रामीणों में खासा उत्साह है। क्योंकि अब उनका समय और किराए पर खर्च होने वाला काफी पैसा बचेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने दिसंबर-1999 में मोहना को उपतहसील बनाने की घोषणा की थी। चौटाला के पूरे पांच वर्ष के शासन में मोहना को उपतहसील नहीं बनाया गया। कांग्रेस शासन में पृथला के विधायक रघुबीर सिंह तेवतिया ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में मोहना को उपतहसील बनवा दिया। रूपचंद का कहना है कि रजिस्टरी, वसीयत, इकरारनामा, मुख्यत्यारनामा, शपथ-पत्र बनवाने के लिए बल्लभगढ़ तहसील कार्यालय में जाते थे। तहसील में आने-जाने में काफी समय बर्बाद हो जाता था और किराए में पैसा खर्च होता था। अब पैसा और समय दोनों बचेंगे। सुभाष चंद का कहना है कि उपतहसील बनने से काफी लोगों को रोजगार भी मिलेगा। यहां पर लोग अपने काम-काज के लिए आएंगे तो वे चाय, नाश्ता, भोजन करेंगे। घरेलू सामान भी खरीद कर लेकर जाएंगे। इससे दुकानदारी बढ़ेगी। महेंद्र सिंह का कहना है कि मोहना को उपतहसील बनाए जाने पर पृथला के विधायक रघुबीर सिंह तेवतिया के आभारी हैं। उन्होंने गांव को उपतहसील बनाने का वायदा किया था। पहली जनसभा में विधायक ने मुख्यमंत्री के सामने मांग रखी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधायक की मांग को मंजूर करके उपतहसील बना दिया। हफीज खान का कहना है कि मोहना उपतहसील में पलवल जिले के यमुना पार खादर तथा आसपास के गांव जल्हाका, गोपीखेड़ा, अमरपुर, कुलैना, बलई, थंथरी को शामिल कर दिया जाता तो अच्छा रहता है। इन गांवों के लिए पलवल काफी दूर पड़ता है। ग्रामीणों को पलवल जाने में काफी समय और पैसा किराए पर खर्च करना पड़ता है।