वक्त से पहले आया मॉनसून आफत साबित हो रहा है। पहाड़ों में जहां मॉनसून की बारिश ने तबाही मचा दी है, तो मोहना में भी अब तक की सबसे बड़ी बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया 8 लाख 60 हजार क्यूसेक पानी तेजी से दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। प्रशासन के मुताबिक कुछ ही घंटों में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच जाएगा। आशंकाओं की मानें तो ये 100 साल में मोहना पर सबसे बड़ा खतरा है।
लोगों को चेतावनी जारी कर दी गई है। सुबह तकरीबन 11 बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे था। इससे पहले 2010 में हरियाणा के हथिनी कुंड से 7 लाख 44 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इसकी वजह से मोहना के कई इलाकों में पानी भर गया था और यमुना के किनारे के कई इलाके डूब गए थे। इस बार पानी में डूबने का खतरा मोहना के कई इलाकों समेत अन्य कुछ गावों पर भी मंडरा रहा है।
100 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि हथिनी कुंड से इतना ज्यादा पानी छोड़ा गया है। हथिनी कुंड में 80 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी नहीं रखा जा सकता है। जाहिर है लगातार बारिश बार-बार पानी छोड़े जाने का खतरा बढ़ा रही है। अगर यही हालत रही तो मोहना में स्थिति गंभीर होती नजर आ रही है। मोहना में 1978 में यमुना 207.29 के स्तर पर पहुंची थी। ये खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर था। लेकिन इस बार खतरा और बड़ा है।
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