गुरुवार, अगस्त 18, 2011

हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण मोहना में भी बाढ़ का खतरा


प्रमुख संवाददाता नव भारत टाइम  ॥ नई दिल्ली

हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण बुधवार को यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई। नदी के लेवल में लगातार इजाफा हो रहा है। बाढ़ के संभावित खतरे से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। संभावना जताई जा रही है कि गुरुवार रात के बाद यमुना के जलस्तर में कमी आनी शुरू हो जाएगी।

मंगलवार को बैराज से दोपहर 2 बजे सबसे अधिक करीब 6.41 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पानी छोड़ने का आलम यह रहा कि बैराज से लगातार 10 घंटे तक 6 लाख क्यूसेक से अधिक पानी हर घंटे छोड़ा जाता रहा। उसके बाद जलस्तर में कमी आ गई। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार दोपहर 1 बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 204.83 मीटर को पार कर गया। रात 8 बजे यमुना का जलस्तर 205.08 मीटर तक पहुंच गया था। आयोग का कहना है कि गुरुवार शाम 7 बजे यमुना का स्तर अधिकतम 205.60 मीटर पर पहुंच जाएगा। यह लेवल करीब 5-6 घंटे तक रहेगा, फिर उसके बाद यमुना के स्तर में कमी आनी शुरू हो जाएगी।

आयोग ने संभावना जताई थी कि यमुना का स्तर 206 के आसपास पहुंच सकता है, लेकिन उसका कहना है कि बैराज से छोड़ा गया पानी जब राजधानी में पहुंचा, उस समय यमुना का खतरे के निशान से एक मीटर कम था, जबकि पिछले साल लगभग इतना पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर इसलिए अधिक बढ़ गया था, क्योंकि उस वक्त यमुना खतरे के निशान के आसपास बह रही थी। आयोग ने इस बात पर राहत जताई है कि पहाड़ी इलाकों में बारिश अचानक कम हो गई है, इसलिए संभावना जताई जा रही कि आगामी दिनों में बाढ़ का खतरा शायद न रहे।
हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण मोहना में भी बाढ़ का खतरा हो सकता है  

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