नये वर्ष की नई शुरुआत !!!!!
क्यूँ मनाते हो नये वर्ष को स्पेशल,
क्यूँ बदल देते हो एक जनवरी को एक नये दिन के रूप में ,
बदलना है तो हर पल को बदलो ,
हर क्षण को बदलो !!
क्यूँ बदलना चाहते हो
हर फूल को, हर खुशबू को ,
बदलना है तो हर चमन को बदलो ,
हर गुलशन को बदलो !!
क्यूँ बदलना चाहते हो
हर चाँद को, हर सितारे को ,
बदलना है तो इस आसमान को बदलो
इस गगन को बदलो !!
क्यूँ बदलना चाहते हो
हर गावों को, हर शहर को ,
बदलना है तो अपने देश को बदलो ,
इस वतन को बदलो !!
क्यूँ बदलना चाहते हो
हर इन्सान को, हर शख्स को ,
बदलना है तो चितवन को बदलो
अपने मन को बदलो !!
बदल डालो हर गुलिश्तान को ,आसमान को ,इस जहान को ,
अगर ज्यादा ही तमन्ना है बदलने की तो
केवल अपनी अंतरात्मा को बदलो ,
अपने जहन को बदलो ,
तब बदल जाएगा अपने आप ही ....
ये नज़ारा , ये मंज़र , ये गुलिश्तान, ये आसमान, ये जहान
और यही होगी नए वर्ष की नयी पहचान .........
लेखक :- जितेंदर कुमार मोहना (बिट्टू)
9813 197 197
क्यूँ मनाते हो नये वर्ष को स्पेशल,
क्यूँ बदल देते हो एक जनवरी को एक नये दिन के रूप में ,
बदलना है तो हर पल को बदलो ,
हर क्षण को बदलो !!
क्यूँ बदलना चाहते हो
हर फूल को, हर खुशबू को ,
बदलना है तो हर चमन को बदलो ,
हर गुलशन को बदलो !!
क्यूँ बदलना चाहते हो
हर चाँद को, हर सितारे को ,
बदलना है तो इस आसमान को बदलो
इस गगन को बदलो !!
क्यूँ बदलना चाहते हो
हर गावों को, हर शहर को ,
बदलना है तो अपने देश को बदलो ,
इस वतन को बदलो !!
क्यूँ बदलना चाहते हो
हर इन्सान को, हर शख्स को ,
बदलना है तो चितवन को बदलो
अपने मन को बदलो !!
बदल डालो हर गुलिश्तान को ,आसमान को ,इस जहान को ,
अगर ज्यादा ही तमन्ना है बदलने की तो
केवल अपनी अंतरात्मा को बदलो ,
अपने जहन को बदलो ,
तब बदल जाएगा अपने आप ही ....
ये नज़ारा , ये मंज़र , ये गुलिश्तान, ये आसमान, ये जहान
और यही होगी नए वर्ष की नयी पहचान .........
लेखक :- जितेंदर कुमार मोहना (बिट्टू)
9813 197 197
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