तिगांव व मोहना उपतहसील की हदबंदी का मामला विधानसभा में उठने के बाद जिला प्रशासन नई हदबंदी की रिपोर्ट बनाने में जुट गया है। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, दोनों उपतहसील की हदबंदी इस तरह तरह तैयार की जा रही है कि फरीदाबाद व बल्लभगढ़ उपमंडल में समुचित गांव भी आ जाएं और प्रभावित गांव भी समायोजित हो जाएं। तिगांव व मोहना उपतहसील में शामिल गांवों में कुछ गांवों के लोगों ने हदबंदी पर आपत्ति जताई है। राजस्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने जवाब दिया था कि सरकार ने प्रभावित गांवों को समायोजित कराने के लिए प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। बल्लभगढ़ व फरीदाबाद के एसडीएम का कहना है कि प्रशासनिक स्तर पर प्रभावित गांवों के लोगों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। दिसंबर 2011 में राज्य मंत्रिपरिषद ने दोनों गांवों को उपतहसील देने की अधिसूचना पर अंतिम मोहर लगा दी थी। कौन गांव किस उपतहसील में हुआ था शामिल : अधिसूचना के अनुसार, नई मोहना उप तहसील में गांव अटाली, नरहावली, नरियाला, पन्हैड़ा खुर्द, पन्हैड़ा कलां, जवां, अटेरना, मोहना, छांयसा, मोठूका, चांदपुर, अरुआ, नंगला, कौराली, जुन्हैड़ा, शाहजहांपुर, फैजपुर खादर, साहुपुरा खादर, नया गांव, इमामुद्दीनपुर, बहादुपुर, मंझावली, घरोड़ा, घुड़ासन, रायपुर कलां, बदरौला, प्रहलादपुर को शामिल किया गया। क्या है ग्रामीणों की मांग नई अधिसूचना पर मोहना उपतहसील में शामिल गांव बदरौला, प्रहलादपुर, कौराली, अरुआ, चांदपुर, फज्जूपुर के ग्रामीण चाहते हैं कि उनकी उपतहसील तिगांव बने और मवई, वजीरपुर, पलवली, ददसिया के ग्रामीण चाहते हैं कि पुरानी तहसील फरीदाबाद में ही रहे। कांग्रेस नेता ललित नागर ने इस मुद्दे पर ज्ञापन संबंधित गांववासियों के साथ मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी सौंपा था। इसी तरह कांग्रेस नेता रूप सिंह नागर ने भी हदबंदी दुरुस्त करने के लिए सांसद अवतार सिंह भड़ाना के माध्यम से ज्ञापन मुख्यमंत्री भेजा था।
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