लोगों द्वारा कही सुनी :-
बहुत पुरानी बात है !!!! कहा जाता है की मोहना गाव पहले वर्तमान यमुना नदी के उस पार बस्ता था ! तब गावं का नाम मोहिया पुर था जो अब बिगड़ कर मोहना हो गया है ।
मोहिया पुर बहुत ही समृद्ध गावं था सभी लोग हंसी खुसी मिल -जुल कर अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे ।
ज्यादा तर लोगों का व्यवसाय खेती बाड़ी था और वो खेती के काम में ही व्यस्त रहते थे । कुछ खली समय मिलता तो लोग चौपालों पे अपने दुख सुख की बातें करते ।
गावं की ओरतें भी काँधे से कंधा मिला कर खेतों में मर्दों का हाथ बटाया करती थी।
किसी भी प्रकार का किसी को कोई कष्ट नहीं था ।
एक बार एक किसान परेशां सर पे हाथ रखके बैठा हुआ था । देखने से ही पता चल रहा था की बेचारा बहुत परेशां है सायद किसी की चिंता है उसको ।
तभी किसी ने उसके काँधे पे हाथ रखा उस व्यक्ति ने ऊपर की तरफ मुह उठाया तो उसने देखा की उसके सामने एक हट्टा - खट्टा एक नोजवान खड़ा है । उसने पूछा भाई परेशां से लग रहे हो क्या बात है ।
उस व्यक्ति ने कहा क्या बताऊँ भाई खेत में फसल खड़ी है , ऊपर से बारिस आने वाली है । लेकिन उसे काटने के लिए मजदुर नहीं मिल रहे है ।
नोजवान ने कहा की भाई परेसान मत हो सब ठीक हो जायेगा ।
फिर क्या हुआ देखते ही देखते सारी फसल कट गई और गड़ा भी लग गया । किसान यह देख कर हैरान रह गया ।
और दोनों की दोस्ती हो गई ।।। दोनों की मित्रता गहरी हो गई ।।। कई दिन बीत गए ......।।।
वो किसान एक दिन गावं के और लोगों से साथ बैठा बात कर रहा था तो उसने अपनी फसल काटने वाली बात लोगों को बताई । लोग डर गए !!!!
लोगों ने उसको बताया की भाई उससे दोस्ती अच्छी नहीं वो तो कोई "जिन्न " (भूत ) है ।
वो किसान भी डर गया उसने उससे छुटकारा पाने का उपाय पूछा । लोगों से उसे बताया की अब जब वो आये तो उसे बैठने के लिए गर्म ईंट दे देना ।
किसान ने ऐसा ही किया जब वो जिन्न उससे मिलने उसके पास आया तो उसने आलव से निकल कर उसे गर्म ईंट बैठने को दी वो जल गया तो उस जिन्न को बहुत गुस्सा आया और उने मोहिया पुर गावं को तहस - नहस कर दिया । और एक सुन्दर सा मोहिया पुर गावं बर्बाद हो गया । सब लोग डर के मारे वहां से भाग कर यमुना नदी के इस पार आ गए और यहीं बस गए ।
इस पार आने के बाद मोहिया पुर का नाम मोहना पड़ा ।।।।।